मैं बहुत दिनों से बहनजी के बारे में सोच रहा हूँ, बहनजी को कहा ले जाना चाहती हैं ?

मैं बहुत दिनों से बहनजी के बारे में सोच रहा हूँ, बहनजी को कहा ले जाना चाहती हैं ?




बहनजी खुद को छोड़कर दूसरों के ऊपर चुनाव परिणाम की जिम्मेदारी ठहराकर पार्टी से बाहर कर देती हैं और बिना कारण बताए सिर्फ इतना कहकर पार्टी से बाहर कर दिया जाता है कि अनुशासनहीनता की वजह से पार्टी से बाहर किया जाता है।
कांशीराम साहेब ने जो बिग्रेड खड़ी की थी, बहनजी ने सभी राज्यों की उस बिग्रेड को पार्टी से बाहर कर दिया, मान्यवर साहेब ने गांव से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के नेतृत्व सभी राज्यों में तैयार की थी ताकि ये मिशन जल्द ही केन्द्र व राज्यों में अपनी सरकार बना सके, लेकिन आज ये मिशन अपने अस्तित्व को लगातार खोता जा रहा है..?


मैं अपनी सोचता हूँ कि हो सकता है बहनजी ये सोचती हों कि बहुजनों का इतिहास मेरे तक ही पढ़ा जाए, मेरे बाद फिर कोई नए तरीके से जब कभी संघर्ष करे तो वो इस बहुजन समाज का नेतृत्व करता मिले..?
बहनजी अपने जीते जी अपने से बड़ा लीडर बनते हुए इस बहुजन समाज में न देखना चाहती हों..?


मैं ऐसा इसलिए सोच रहा हूँ क्योकि जब मैं बहुजनों के इतिहास को देखता हूँ तो एक व्यक्ति के संघर्ष के बाद उन्हें मिशन को आगे बढ़ाने के लिए उत्तराधिकारी नही मिले, उनके बाद मिशन रुक जाता फिर कई वर्षों बाद कोई नये व्यक्ति आते और इस बहुजन समाज को जागरूक करने व इनके हक़ अधिकारों की लड़ाई लड़ते फिर उनके दुनिया से जाने के बाद संघर्षों की कड़ी टूट जाती, यहाँ तक कि इस बहुजनों के लिए संघर्ष करने वालों की हत्याएं भी कर दी जाती रही हों जो इतिहास के पन्नो में नही हैं..?


मैं समझता हूँ बुद्ध के बाद मिशन को उनके अनुयायियों द्वारा ज्यादा दिनों तक न बढ़ा सकें, सम्राट अशोक के बाद मिशन रुक गया, कबीर,रविदास के बाद मिशन रुक गया, यहां तक मिशन को जिंदा करने के लिए हजारों साल बाद कोई व्यक्ति हिम्मत कर मनुवाद से लड़ा और बहुजनों को एक बाद हजार साल बाद नेतृत्व मिलता..?




बहुजन मिशन को गति महात्मा ज्योतिबा फुले व सावित्री बाई फुले के संघर्षों से गति मिले इनके जाने के बाद कुछ ही वर्षों में छत्रपति कुर्मी साहू महाराज ने मिशन को गति दिया इनके बाद के बाद बाबा साहेब ने मिशन को को गति दिया और बहुजनों को सम्पूर्ण हक-अधिकार दिलाने में सफल रहे लेकिन यहाँ तक के संघर्षों में कुछ ही वर्षों तक मिशन की गति रुकती फिर कुछ वर्षों में नए महापुरुष आकर मिशन को गति देते रहें।


जब बाबा साहेब को इस समाज को चलाने के लिए नेतृत्व नही मिला तो बाबा साहेब बहुत दुखी हुए कि मेरे जाने के बाद ये हक-अधिकार सुरक्षित भी रहेंगे या इन्हें पुनः समाप्त कर दिया जाएगा क्योंकि मुझे इस समाज में अभी तक कोई लायक व्यक्ति नही दिखा जो इस मिशन को आगे बढ़ा सके, तब बाबा साहेब ने पूरे समाज से विनती की और कहा मैं इस कारवां को बड़े मुश्किल से यहाँ तक लाया हूँ यदि आप लोग इसे आगे नही ले जा पाना तो इसे पीछे भी मत जाने देना ।


बाबा साहेब के जाने के बाद कुछ ही वर्षों में मान्यवर कांशीराम साहेब मिशन को गति देने के लिए आ गए और मान्यवर साहेब बहुजनों के इतिहास को गहराई से 
अध्ययन किये और बाबा साहेब द्वारा लिखे गए सभी पत्र व किताबों की अध्ययन कर बहुजनों के सम्पूर्ण इतिहास को जाना और मान्यवर साहेब ने कसम ली अब मैं इस मिशन की गति को कभी नही रुकने दूंगा, बाबा साहेब के सपनों को पूरा करूँगा, इस बहुजन समाज को शासक बनाऊंगा व गांव गांव में नेतृत्व करता पैदा करूँगा और मान्यवर साहेब ने भारत के कोने कोने में नेतृत्व तैयार किया और अपने जीते जी उप्र में तीन बार सरकार बनवाई व अपने जीते जी पूरे भारत से नेतृत्व को खोजकर इस बहुजन समाज का नेतृत्व एक महिला बहन कुँवारी मायावती जी के हाथों सौंप दिए और भारतीय इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिए कि महिला कमजोर नही होती वो पूरे देश का नेतृत्व कर सकती है और बहनजी आज पूरे देश में नेतृत्व कर रही हैं और समाज को शासक बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय ले रही हैं, जिससे मेरे जाने के बाद भी इस बहुजन समाज के लोग मुख्य शासक बनते रहें।




मैं बहनजी पर बहुत सारे सवाल खड़ा करता रहा, मुझे उत्तर नही मिल रहे थे, मैं समझ नही पा रहा था बहनजी इस मिशन को आगे बढ़ा रही हैं या मान्यवर साहेब के बनाये बिग्रेड को गिराकर मिशन को समाप्त कर रही हैं..?
तब समझ आया कि बैचमेट यदि फेल हो जाये तो उतना दुख नही लगता, जितना उसके टॉप करने से दुःख लगता है, यही बहनजी के साथ होने लगा जिस बिग्रेड को मान्यवर साहेब ने एकता के सूत्र में पिरोया और सिखाया कि एक दूसरे का हाथ पकड़कर चलना लेकिन मान्यवर साहेब के जाने के बाद बिग्रेड में दरार पड़ गई, जिन साथियों को बहनजी का साथ देना था पूरे भारत मे सत्ता स्थापित करने के लिए वही साथी पार्टी से दूरियां बनाना शुरू कर दिए, और वो अन्य दलों से समझौता कर अंदरूनी बसपा को घात पहुंचाने लगे, मैं उन पर इल्जाम नही लगा रहा हूँ जो सच्चाई है वो बता रहा हूँ, बहनजी ने आज तक जिन जिन को जिम्मेदारी दी है वो सभी विश्वासघात कर आज भाजपा,कांग्रेस की झोली में बैठे हैं, जिन्हें विश्वास न हो वो सभी राज्यों में देख सकते हैं जितने नामी-गिनामी लीडर थे वो आज कहाँ हैं..?
बहनजी समझने लगीं ये हमारे साथी आज उतना ओजस्व से कार्य नही कर रहे जिसकी वजह से परिणाम कम हो रहे हैं, आज बसपा अपने अस्तित्व को बचाने के लिए लड़ रही है क्योंकि जितने लोग पार्टी से निकलते हैं वो बहनजी पर इल्जाम लगा रहे हैं व कई ऐसे सामाजिक व राजनीतिक संगठन चल रहे हैं जो सिर्फ बहनजी को बदनाम करने के लिए चलाए जा रहे हैं ताकि बसपा को समाप्त इस देश मे दो ही पार्टी रह सकें भाजपा व कांग्रेस।
हमारे बहुजन समाज के लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि यदि बहनजी गलत होती तो आज वो अन्य बहुजन नेताओं की तरह मंत्री होतीं लेकिन बहनजी इस समाज को मंत्री नही मुखिया बनाना चाहती हैं इसलिए वो मिशन के साथ समझौता नहीं करती ।


अब बहुजन समाज के लोगों व बुद्धिजीवियों को समझने की जरूरत है कि यदि जिस बिग्रेड को कांशीराम साहेब ने तैयार की उस बिग्रेड को बहनजी ने बाहर कर दिया है, यदि वो बिग्रेड मान्यवर साहेब के जाने के बाद सही काम कर रहे थे तो वो सभी आज तक एक क्यूँ नही हुए, वो सभी तो एक दूसरे को जानते थे, तो आज तक एक क्यों नही हुए और एक मंच में एक साथ आकर बहनजी के खिलाफ आवाज क्यों नही उठा सके, क्यों वो सभी अलग अलग राह में चल रहे हैं, कोई भाजपा में है तो कोई कांग्रेस में या कोई नया दल बनाकर चल रहे हैं, 


इससे क्या कहेंगे बहनजी गलत हैं, और जो ये भाजपा,कांग्रेस की झोली में बैठकर व भाजपा,कांग्रेस से रुपये लेकर नई पार्टी बनाकर चला रहे हैं और बहनजी व बसपा का विरोध कर रहे हैं कि बहनजी ने मान्यवर साहेब के रास्ते को छोड़ दिया है, वो सिर्फ समाज को गुमराह कर रहे हैं यदि ये सही होते तो मान्यवर साहेब की तरह सबको एक कर लेते और बहनजी गलत होती तो उन्हें सही रास्ते ले आते लेकिन गलत तो यही सभी हैं तभी तो अलग अलग राह चल रहे हैं।


एक कहावत तो सभी ने सुनी होगी उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे।
यही कहावत है ये सभी अपनी गलती को स्वीकार करने की बजाय, बजाय बहनजी को कह रहे हैं।


मेरे बहुजन समाज के साथियों बुध्दिजीवियों समझने का प्रयास करें और बहनजी का साथ दें।


बहनजी कल भी सही थीं और आज भी सही हैं जो समाज को शासक बनाने के लिए, कई हथकंड्डे अपना रही हैं।


बहनजी अपने जीते जी इस बहुजन समाज को नेतृत्व सौंपना चाहती हैं इसलिए वो चेहरों की तलाश कर रही हैं, पार्टी में 50% युवाओं को भागीदारी सौंप दी हैं ताकि ये युवा समाज के लिए तैयार हो सकें और इस मिशन को गति के साथ आगे बढ़ाते रहें।


समय बहुत कम है भाजपा सरकार कई निर्णय ले चुकी है बहुजन मूलनिवासियों को गुलाम बनाने के लिए, उसका अगला लक्ष्य इस देश का तिरंगा झंडा व संविधान बदलना है।


इसलिए समय की नजाकत को समझे और खुद की सोच समझ से निर्णय लें और बहनजी का देकर बसपा को मजबूत करें ताकि बहुजन महापुरुषों के सपनों का देश बनाया जा सके व बहुजनों के हक-अधिकार सुरक्षित रहें, जो बड़ी ही मुश्किल से बाबा साहेब ने दिलाये हैं।


मान्यवर साहेब कहते थे समय बहुत कम है कुछ को मैं जागता हूँ,कुछ को आप जगाइए ताकि इस समाज को हुक्मरान बनाया जा सके।


जो लोग कहते हैं बहनजी ने पार्टी में ब्राह्मण,ठाकुर,बनिया को पार्टी ने शामिल कर बहुत गलत की हैं, वो समझे भाजपा हिन्दुत्व को लेकर चलती है फिर मुस्लिमों को भाजपा में शामिल करके रखी है,सासंद,विधायक बनाती है, राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाकर रखी है फिर भी कभी भाजपा कार्यकर्ता के मुंह से सुने हैं कि भाजपा अपनी राह से भटक गई है इसका विरोध करो, उन्हें पता है हम इनके वोट लेकर शासक बनेंगे और हिंदुत्व को मजबूत करेंगे।
जबकि बसपा का मिशन तो हिस्सेदारी का है, मानवता का है, मान्यवर साहेब पेन के माध्यम से खड़ी व्यवस्था को बराबर करने की बात करते थे वो कभी नही कहे कि इसे उल्टा करना है।


जो लोग आज उलता करने की बात करते हैं वो महापुरुषों के मानवता के मिशन को धोखा देने का काम रहे हैं।


अब तक तो समझ गए होंगे बहनजी ही बहुजनों की हितैसी हैं बाकी तो बहुजनों को कमजोर करने के लिए कार्य कर रहे हैं इसलिए बसपा के अलावा अन्य राजनीतिक संगठनों का साथ देना बंद करें और आज से बसपा के लिए कार्य करना शुरू कर दें ताकि संविधान को बचाया जा सके,जहां हम सभी के हक-अधिकार सुरक्षित हैं।


बहुजनों यदि अब नही समझे, तो दूबारा ये भाजपा,कांग्रेस हजारों साल तक हम बहुजनों को समझने का मौका नहीं देंगीं, गुलाम बनाये रखेंगीं।
आने वाले आगामी चुनावों में अपने-अपने राज्यों से भाजपा,कांग्रेस व अन्य मनुवादी पार्टीयों को उखाड़ फेंके व अपने अपने राज्यों में और केंद्र में बसपा की सरकार बनाएं ।


बाबा साहेब अमर रहें!
मान्यवर साहेब अमर रहें!
बहनजी जी संघर्ष करो हम बहुजन आपके साथ हैं।
बसपा जिन्दाबाद
बहनजी जिन्दाबाद
नमो बुद्धाय जय भीम जय भारत

      निवेदक
       रावेंद्र कुमार साकेत
        रीवा (मप्र)

          


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