Thursday, June 4, 2020

बेजुबान हाथी का दर्द

बेजुबान हाथी का दर्द



कोरोना ने इंसान को उसकी औक़ात बता दी है 
पर इंसान को न शर्म आयी है न वो प्रकृति से खिलवाड़ करने से पीछे हटा है। केरला  में एक भूखी गर्भवती हथिनी इंसान पर भरोसा कर लेती है । कई दिन से भूखी होने पर वो इंसान के दिए अनन्नास को खा लेती है ... 
लेकिन इंसान को देखिए, जिसकी फ़ितरत में ख़ुदगर्ज़ी और धोखा है !
उसके लिए उसमें पटाखे भर कर रखेथे।मुँह में पटाखे फट जाते हैं और चोटिल मुँह की जलन बुझाने वो हथिनी किसी तरह नदी तक पहुँचती है... पर पानी में खड़े-खड़े उस बेज़ुबान की गर्भ में पल रहे बच्चे समेत जान चली जाती है !


यहाँ ये बात बताना ज़रूरी है कि उस असहनीय पीड़ा में भी हथिनी कोई तोड़फोड़ नहीं करती....
साथ ही ये भी कि केरल में साक्षरता को उदाहरण के रूप में अक्सर पेश किया जाता है ...

अब जिस इंसान की फ़ितरत में सिर्फ़ स्वार्थ हो तो प्रकृति उसे सबक़ सिखाए तो आश्चर्य की बात क्या ?


ये दुनिया सबकी है 
Elephant






          नीकु कुमार
           (लेखक)



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