Thursday, June 11, 2020

आरक्षण समर्थक आंदोलन एवं धरना का उद्देश्य


आरक्षण समर्थक आंदोलन एवं धरना का उद्देश्य








1.भारत वर्ष के सामाजिक रूप से समस्त पिछड़ी जातियों के आरक्षण की आवश्यकता पर सम्मानित संसद सदस्यों का ध्यानाकर्षण करना ।

2. विभिन्न स्थानों एवं विभिन्न स्तरों पर विभिन्न प्रकार की पिछड़ी जातियों के लिए सभी प्रकार के आरक्षणों के विकास की सम्पूर्ण प्रक्रिया के संबंध में सामाजिक रूप से समस्त पिछड़ी जातियों को जानकारी देना एवं शिक्षित करना।
3.सामाजिक रूप से समस्त पिछड़ी जातियों को ऐसे तथ्यों, जैसे उनके लिए किसने संघर्ष किया और आरक्षण प्राप्त किया,किसने विरोध किया और उनके आरक्षण की विकास प्रक्रिया में व्यवधान उत्पन्न किया, अब किससे संघर्ष करना है आदि के सम्बंध में जानकारी देना और शिक्षित करना।

4.अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लोगों के आरक्षण का क्रियान्वयन न किये जाने के संबंध में उन्हें जानकारी देना एवं शिक्षित करना।
                                 
5.कागजो पर हिट हुए भी अप्रत्यक्ष तौर-तरीकों से अनुसूचित जाति/जनजातियों के आरक्षण को राज्यों एवं केंद्र सरकारों द्वारा नकारे जाने के सम्बंध में उन्हें जानकारी देना एवं शिक्षित करना।



6.गुजरात एवं अन्य जगहों में तथाकथित ऊंची जाति के कर्मचारियों से बड़ा सबक सीखने के बाद सामाजिक रूप से समस्त पिछड़ी जाति के कर्मचारियों को उनके दायित्वों एवम कर्तव्यों के संबंध में जानकारी देना और शिक्षित करना।
                                  

7.इस तथ्य को प्रकाश में लाना की हमारे द्वारा ग्रहण की हुई लोकतांत्रिक प्रणाली में आरक्षण का मामला मात्र रोजगार का मामला नही,बल्कि समस्त देश के शासन -प्रशासन में भागीदारी का मामला है।
                                      
8.अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों को जानकारी देना एवं शिक्षित करना कि वे आज तक मान्यता एवम अधिकार विहीन क्यों हैं जबकि अनुसूचित जाति/जनजाति के लोग इसे सन 1932 से प्राप्त करना प्रारंभ करके बाद के वर्षों में निरंतर प्राप्त करते रहे हैं।
                                       
9.अब उन्हें मान्यता अधिकार कैसे प्राप्त होगा?

10.मंडल आयोग की रिपोर्ट को लागू कराने की आवश्यकता के सम्बंध में जनता को तैयार करना।
11.देश को समृद्ध कर आत्म निर्भर बनाने के लिए सामाजिक रूप से समस्त पिछड़ी जाति के आरक्षण की आवश्यकता के सम्बंध में अपने ऊंची जाति के भाइयों को शिक्षित करना।
12.सरकार पर दबाव डालने कि केंद्र एवम राज्य सरकारों का आरक्षण विरोधी दृष्टिकोण देश के लिए अहितकर है। देश के विशाल जनसमूह को निर्धन एवं अभावग्रस्त रखना देश को निर्धन बनाये रखना है।
                                                   
13.सरकार पर दबाव डालना की अनुसूचित जाति/जनजाति के आरक्षण का क्रियान्वयन न किया जाना तथा अन्य पिछड़े वर्ग के लिए मंडल आयोग की रिपोर्ट का अस्वीकार किया जाना, ऊँची जातियों और उनकी सरकार के लिए हितकर हो सकता है परंतु यह अनुसूचित जाति/जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा धर्म परिवर्तित अल्पसंख्यकों के लिए कैसे हितकर हो सकता है?

जब यह पिछड़े वर्गों के लिए हितकर नही है तब उनसे चुप रहने की आशा नही की जानी चाहिए। आरक्षण समर्थक जन आंदोलन एवं धरनो से इस प्रकार और बहुत से उद्देश्यों की पूर्ति की जा सकेगी।






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संदर्भ- 
पृष्ठ-133,134मेरे संघर्षमय जीवन एवम बहुजन मूवमेंट का सफ़रनामा
लेखिका-कुमारी मायावती

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