Saturday, July 25, 2020

मान्यवर कांशीराम जी ही फूलन देवी को राजनीति में लायें थे।

मान्यवर कांशीराम जी ही फूलन देवी को राजनीति में लायें थे। 



फूलन देवी  (10 अगस्त 1963 - 25 जुलाई 2001डकैत से सांसद बनी एक भारत की एक राजनेता थीं। एक निम्न वर्ग में उनका जन्म उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव गोरहा का पूर्वा में एक मल्लाह के घर हुआ था।




फूलन देवी को राजनीति में लेकर आने का सबसे पहले विचार मान्यवर कांशी राम जी के मन में आया था। वह चाहते थे कि फूलन देवी बहुजन समाज पार्टी में आएं और संसदीय सीट से चुनाव लड़े। यह वह दौर था जब बसपा खेमे में "तिलक तराजू और तलवार, इनको मारो जूते चार" तथा "ब्राह्मण बनिया ठाकुर छोड़ बाकी सब है डीएस-4" के नारे गूंज रहे थे। उस समय फूलन देवी ग्वालियर जेल में बंद थी। वह समय 90 के दशक का समय था। मान्यवर चाहते थे कि फूलन देवी बसपा से जुड़ जाएं। कांशी राम ने उनके चाचा हरफूल के माध्यम से 1991 में बहुजन समाज पार्टी की ओर से नामांकन पत्र पर फूलन देवी से हस्ताक्षर करवाए थे। वह तब ग्वालियर जेल में बंद थी। इस प्रकार मान्यवर कांशी राम जी के प्रयासों से हुए राजनीति में आई तथा अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत उन्होंने नई दिल्ली के संसदीय सीट से की। इस सीट से उनका मुकाबला राजेश खन्ना और शत्रुघ्न सिन्हा जैसी हस्तियों से था। हालांकि बाद में फूलन देवी ने बसपा को छोड़कर समाजवादी पार्टी से जुड़ने की घोषणा कर दी। फूलन देवी ने समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार बनना इसलिए स्वीकार किया था क्योंकि उस समय उन पर 48 मुकदमें चल रहे थे। इनमें एक मुकदमा बहमई गांव के 22 ठाकुरों की हत्या का भी था। इस हत्याकांड को फूलन देवी ने 14 फरवरी 1989 को अंजाम दिया था। फूलन देवी को लगा था कि समाजवादी पार्टी ही उन्हें इन मामलों से बरी करवा सकती है। अतः इसी उम्मीद से उन्होंने समाजवादी पार्टी का पल्लू थाम लिया। इस प्रकार मान्यवर कांशी राम जी का फूलन देवी को बसपा में लेकर आने का सपना टूट गया। और वह उनके विरोधी दल में शामिल हो गई। बावजूद इसके भी फूलन देवी सदा मान्यवर कांशी राम जी की इज्जत करती रही। फूलन देवी हमेशा इस बात के लिए कांशी राम जी की धन्यवाद भी करती रही कि उन्होंने ही उनकी जिंदगी को नया मोड़ दिया है, उनके भीतर एक रहनुमा बनने की ललक जगाई है, उनके अंदर की सोई हुई प्रतिमा को झिंझोड़ा है।


-----------सतनाम सिंह (फूलन देवी, सचित्र जीवनी, पेज नंबर 76)

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